aaina
- 154 Posts
- 173 Comments
सुबह का भूला हुआ घर आया ,
एक वादा तेरा नज़र आया
लोग पीते है लडखडाते है ,
अपनी आँखों में न असर आया
जब भी चर्चा चली मुहब्बत की ,
सच कहूँ तेरा ही ज़िकर आया
हम तो भटके है घने जंगल में
हाथ अपने नहीं तेरा साया
अश्क तो अपने पी लिए हमने ,
जाने क्यों फिर गला ये भर आया ,
सुबह का भूला हुआ घर आया ,
एक वादा तेरा नज़र आया
Read Comments