Menu
blogid : 1870 postid : 71

इस जंगल में कोन रहे /कविता -8/kavya blog

aaina
aaina
  • 154 Posts
  • 173 Comments

कितने दिन और कितनी रातें
हम तनहा बैचैन रहे

सुख के पंछी प्यासे भटके
इस जंगल में कोन रहे

शोर बहुत फैला दुनिया में
अपनी कहानी कोन कहे

जब जब छम छम बरसा पानी
आंसू अपने साथ बहे

चांदनी रात में बेला महके
दर्द हमारे अंग रहे

इस जंगल में कोन रहे

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh