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पिया बसे मोरी अंखियन में /kaavya blog/

aaina
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पिया बसे मोरी अंखियन में
गोरी नाचे मन ही मन में ,
सास-ननद ,भोजाई सखियाँ
ताँके -झांकें दर्पण में .
पिया बसे मोरी अखियन में .
फूल खिले बगिया महके है,
आग लगी मोरे तन में .
पिया बसे मोरी अंखियन में
घुमड़ घुमड़ कर बादल चमके ,
आ बरसे मोरे आँगन में .
पिया बसे मोरी अंखियन में
लाज शर्म और प्रीती का सावन
छलके मोरे अंसुवन में .
पिया बसे मोरी अंखियन में .
खुले नयन तोरे चहके उपवन
खिली धुप मेरे जीवन में ,
पिया बसे मोरी अंखियन में

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