aaina
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भोर सिन्दूर चुटकी में लेकर
आ तेरा श्रृंगार करूँगा ,
प्रिये हृदय आँगन में आ जा
तुझको थोडा प्यार करूँगा .
सावन की दोपहरी में
आहट आहट भट्कुंगा में
अपने टूटे प्रतिबिम्बों में
तेरा बिम्ब निहार करूँगा
तुझको थोडा प्यार करूँगा .
रैना जब घिर आएगी
चैना फुर उड़ जायेगी
सुधियाँ सिरहाने रखकर
सदियों संग विहार करूंगा ,
तुझको थोडा प्यार करूँगा
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