aaina
- 154 Posts
- 173 Comments
धुप के मौसम में देखो
एक बदली छा गयी ,
आँख फडकी है हमारी
याद तेरी आ गयी—– ,
इन हवाओं के परों पर
एक चिट्ठी प्यार की,
उस हथेली की हिना
ये जिंदगी महका गयी ,
प्यास अधरों पर खड़ी है ,
एक भिखारिन की तरह ,
दर्द के बादल बने और
आँख भर भर आ गयी
शाम होते ही पखेरू
घर को वापिस चल दिए
आँगनो में हमारे
फिर उदासी छा गयी
आसमान में हम सितारों को
युही देखा किये
नींद आँखों को हमारी
उम्र भर तरसा गयी ,
याद तेरी आ गयी
birju/9410203171
Read Comments