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ये क्या हो रहा है भाई !

aaina
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पता नहीं देश के लोगो को क्या हो गया है ..सरकार की हर बात में नुक्ताचीनी ..व्यर्थ का

विरोध करने की कुछ आदत सी हो गयी है विरोधियो को . अब कर लो बात पूरे विश्व में

वैज्ञानिक पर्यावरण को लेकर हायतोबा मचा रहे है लेकिन हमारे देश की विरोधी पार्टियो को

प्रदूषण का फंडा समझ ही नहीं आ रहा है . पेट्रोल के दाम ५ रुपये क्या बड़े की बस

,मनमोहक सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू .


दरअसल देश के पर्यावरण के प्रति मनमोहक सरकार कितनी सजग है की हर महीने पेट्रोल

के दाम बडाये जा रहे है की नागरिक पेट्रोल का कम से कम उपभोग करे और प्रदूषण पर

नियंत्रण पाया जा सके . पता भी है कुछ ओजोन की परत में छेद हो गया है जो बड़ा होता जा

रहा है . अगर समय रहते कुछ उपाय नहीं किये गए तो इस छेद में प्रथ्वी समां जायेगी ,फिर

क्या करोगे बताओ तो ? जब प्रथ्वी ही नहीं रहेगी तो अपनी नैनो कहा चलाओगे अन्तरिछ

में ?


लेकिन हमारे साले पप्पूजी भी विरोधियो के स्वर में सुर मिलाने लगे है पेट्रोल के

दाम बढने की घोषणा क्या हुई की बस आगबबुला हो भाप छोड़ने लगे ..जीजा देख लो तुम

अपनी मनमोहक सरकार के क्रियाकर्म , बहुत तरफदारी करते थे ना की धर्मनिरपेछ पार्टी

है ..यही रहनी चाहिए .अब .झेलो ६७ रूपए में २५ किलोमीटर चलाओ अपना खडखडिया

स्कूटर ..समझलो एक महीने में ३००० रुपये तो पेट्रोल का खर्चा , फिर तुम्हारी ५ हजार की

तनखा में बचेगा क्या ? जीजी को क्या हवा खिलाओगे ? में तो कहता हु जीजा बच्चो को

अनाथ आश्रम में भर्ती करदो और चलो मेरे साथ वृन्दावन वही धूनी रमाएंगे . आग लगे

ऐसी सरकार को . धत कही ऐसा भी होता है क्या ……जनता जाय भाड़ में …अब बताओ

जीजा पेट्रोल में बढोत्तरी होगी तो खाने-पिने की चीजों के दाम भी तो बढेंगे ..बस..टेम्पो वाले

छोड़ देंगे क्या ? मुझे तो ऐसा लगता है जीजा सरकार देश के लोगो के धैर्य की परीछा ले रही

है ..अब तो लगता है यहाँ भी मिस्र और लीबिया जैसा असंतोष फ़ैल ही जाएगा , तब अक्ल

आएगी इन…..


मेरी समझ में नहीं आ रहा था की साले पप्पूजी को कैसे समझाऊ सरकार की भी

अपनी मजबूरिया होती है युही कोई बेवफा नहीं होता . में अपना सर धुन रहा हु इस बात पर

की अभी डीजल ,रसोइगेस ,केरोसिन पर भी दाम बढेंगे फिर साले पप्पूजी तो आसमान सर

पर उठा लेंगे ..और फिर .१० +१५ वर्ग्फूट किराए के घर का आसमान भी मेरा नहीं है .

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