Menu
blogid : 1870 postid : 439

धत्त तेरे की ![हास्य-व्यंग]

aaina
aaina
  • 154 Posts
  • 173 Comments

रसोई गेस ,डीजल और केरोसिन पर दाम क्या बड़े कि विरोधियो न आसमा सर पे उठा

लिया . दरअसल विपछ का नैतिक दायित्व ही यही है की बात बात पर आसमा सर पे

उठाये चिल्लाते रहो . खूब चिल्लाओ गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाओ ,हमारे बाप का क्या

जाता है .अपने आप थक कर चुप हो जाओगे . अभी भ्रस्टाचार पर राग भैरवी गा रहे थे ,नई

बीमारी सामने आते है भूल गए . यही तो कूटनीति है जब तक विपछि किसी एक मुद्दे पर

एकजुट हो ,इससे पहिले ही दूसरा फेंक दो .अब हरभजन के दूसरे की काट तो अच्छे अच्छे

बल्लेबाज के पास नहीं . इस दूसरे से विरोधियो में भटकाव होगा कि कौन सा मुद्दा पकडे

कौन सा छोड़ें .


जहा तक जनता की बात वो तो पेट पर पत्थर बांधकर बैठी है ..यही उसकी नियति है .

महंगाई पर जैसे सरकार समझाती है बेचारे समझ लेते है .आखिर पेट्रो कम्पनियो को घाटा

हो रहा है भाई ,.अब राजा भोज जैसी कम्पनियो की सेहत का ध्यान रखे या गंगू तेली जैसे

दो टकिया जनता की . सरकार को पता है की जनता को तो आदत ही है एक जून रुखी-सूखी

खाकर पानी पीकर सो जाने की ,वो तो बेचारी आधी रोटी खाकर भी संतोषी है ,उसने पड़ा है

” जब आवे संतोध धन ,सब धन धुरि सामान “


और फिर रसोई गेस की जरुरत ही क्या है विदेशी वैज्ञानिक कहते है की खाना पकाने से

उसके पोषक तत्व ख़त्म हो जाते है तो सरकार को अपनी प्यारी जनता के स्वास्थय की

बहुत चिंता है …क्या कहा आपने -डीजल के दामो में बढोत्तरी से किराया बढेगा ..अरे भय्ये

इन सरकारी बसों ,टेम्पुओ में धक्के खाने से बेहतर है की पैया -पैया चलो ,देर से पहुचोगे

लेकिन सुरचित .अब आपने सरकारी बोर्ड पर लिखा नहीं देखा -” दुर्घटना से देर भली ”

आप समझते तो है नहीं ,लगता है आप भी विरोधियो की बातो में आ गए -अरे ये तो

साम्प्रदायिक है आपको पता भी है . इनकी बातो में आने की कोई जरुरत नहीं . रुखी-सूखी

खाओ प्रभु के गुण गाओ धार्मिक गुरु लोग कितना भला सन्देश दे गए है .


अब आप अन्ना और रामदेव सरीखे इक्का -दुक्का लोगो की बात करोगे – सरकार

भ्रस्टाचारी है तो भाई मेरे अगर सरकार भ्रस्टाचार नहीं करेगी तो क्या हमतुम जैसे टुच्चे

लोग करेंगे . ये राजकाज की बाते है तुम तो रोज रिक्शा खींच कर अपना तेल निकालो और

खखेरी खाट पर पानी पीकर सो जाओ . अबे फिर वही बात केरोसिन का क्या करोगे बताओ

-लालटेन जलाओगे -रात सोने के लिए होती है या उजाला करके जागरण करने के लिए

.,और सोने के लिए अँधेरा मुफीद रहता है . इसीलिए भैया मुल्क में अँधेरा बड़ने दो

,घन-घोर अँधेरा ..जितना घना अँधेरा होगा, उतनी उजली सुबह होगी ..क्या समझे ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh