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अपने गिरेबान में झांकिए हुजूर !

aaina
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कहावत है एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है ,फिर संसद मे 162  सांसद हत्या,बलात्कार,अपहरण,लूट के आरोपों मे नामजद है ,इस गंभीर तथ्य पर विचार करने के बजाय इस विसंगति को उजागर करने वाले अन्ना टीम के सहयोगियो के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव संसद मे लाए जाने की माँग का औचित्य समझ से परे ही नही नितांत हास्यास्पद भी है . जब देश का नागरिक कामन वेल्थ ,टूजी स्पेक्ट्रम,कोयला घोटाले जैसे अनगिनत हज़ारों करोड़ की धनराशि के घोटालो पर इन माननीय सांसदो,विधायको की संलिप्तता देखकर थू-थू कर रहा है ,निंदा कर रहा है ओर स्वच्छ राजनीति ओर प्रशासन के लिए सख़्त क़ानून जन लोकपाल बनाए जाने की माँग हो रही है तो इसमे क्या आपत्तिजनक है ? लाखो करोड़ कामन वेल्थ, एक लाख 76 हज़ार करोड़ [2जी स्पेक्ट्रम] ,2 लाख करोड़ कोयला घोटाले मे संबद्ध धनराशिया देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है की देश की संमृद्धि को भ्रस्टाचारी मिलजुलकर बंदर बाँट कर रहे है ओर देश का अंतिम नागरिक कहे जाने वाला व्यक्ति ठगा -ठगा सा जन गन मन गाने को अभिशप्त है ,यह देश के लिए बेहद शर्म का विषय है . 26 मार्च को संसद मे विभिन्न दलों द्वारा जनलोकपाल बिल पारित किए जाने की माँग करने वाली अन्ना टीम के सत्य बयानो पर निंदा प्रस्ताव  ” उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ” वाली कहावत ही कही जाएगी . इन माननीयों को अपने गिरेबा मे झाँकना चाहिए ओर संसद मे अपने बीच बैठे विभिन्न गंभीर अपराधों मे पंजीकृत सांसदो पर चल रहे केसों के निपटारे हेतु समय सीमा नियत करने हेतु एक राय बनानी चाहिए ,ताकि देश की संसद की पवित्रता पर लगे दाग धुल सके .देश के सर्वोच्च पदो पर विराजमान व्यक्तियो को किसी भी संदेह से परे होना ही चाहिए . साथ ही संसद मे समवेत देश मे शीर्ष स्तर से निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को स्वीकार कर निंदा प्रस्ताव पारित करे ओर जनलोकपाल क़ानून क्यों नही बनना चाहिए देश को बताए . चुनाव सुधार पर तत्काल सार्थक चर्चा करे ,जिससे भविष्य मे संसद के पवित्र मंदिर मे कोई अपराधी प्रवेश ना कर सके ओर राजनीति ओर राजनेताओं के प्रति देश का विश्वास बहाल हो सके . ध्यान रखे सत्य हमेशा कड़वा होता है ,अन्ना टीम के आंदोलन को इस परिप्रेछ   मे देखना ही उचित है ,इसी मे  बुद्धिमानी है .

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