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मिडिया की निर्मलता !

aaina
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आजकल हर चेनल पर निर्मल दास नरूला बाबा को पानी पी पी कर कोसा जा रहा है की ईंट भट्टे का आम कारोबारी पलक झपकते ही २३५ करोड़ी कैसे हो गया . भक्तो का हुजूम दर हुजूम कैसे उसके पीछे भाग रहा है . निर्मल बाबा के पास हर मर्ज और समस्या का समाधान है और उनके समाधान इतने अटपटे है जो किसी भी व्यक्ति को हास्यास्पद लग सकते है .किसी भक्त की समस्या का समाधान गोलगप्पे खाने-खिलाने में है तो किसी को बताते है पेस्ट्री कब खाई थी ? यदि नहीं खायी है तो खाओ. कृपा बरसेगी ..कृपा पेस्ट्री ना खाने के कारण रुकी हुई है . धत तेरे की ! इस बाबा पर और भक्तो की बुद्धि पर तरस आता है . नागरिकों के खून पसीने की कमाई को लूट विद्या से ठगने का जुर्म खुलेआम हो रहा है और उस पर निर्मल तर्क यह है की भक्त खुद दोनों हाथों से दे रहे है और इस पर हमने इनकम टैक्स भी दिया है . वाह भाई वाह ! निर्मल जी से ये कौन कहे की बाबा जी इस धन को गरीबों के लिए अस्पताल ,स्कूल में खर्च कीजिये तो समझ में भी आता है .लेकिन नहीं लूट की यह संपत्ति बाबाजी की निजी है उनकी कमाई है जिस पर इनकम टैक्स दे रहे है ..क्या अदा है वाऱी जाऊं .
कुछ दिनों पहिले तक ये मिडिया चेनल उनके समागम सुबह शाम निरंतर दर्शको को परोस रहे थे ,भारी भक्तो की भीड़ के बीच निर्मल बाबा द्वारा समस्याओं के सिरफिरे समाधान दिखाए जा रहे थे .
जहा तक भक्तो की बात है तो समाज में दुखी कौन नहीं है . भगवान् बुद्ध ने भी कहा है संसार दुःख है . दुःख के रंग रूप अलग अलग हो सकते है किन्तु यह सच है की हर आदमी दुःख से पीड़ित है और टीवी पर दिखाई जाने वाली हर बात दर्शको को प्रभावित करती है उसे लगता है की जब नामी गिरामी टीवी चेनलों पर बाबा का समागम दिखाया जा रहा है तो जरुर बाबा चमत्कारी है -टी आर पी बड रही है तो चेनल भी करोड़ों कमा रहे है फिर यही चेनल अब निर्मल बाबा से पूछ रहे है की बताओ कहा से कमाए २३५ करोड़ ? तो बात कुछ हजम नहीं होती .
निर्मल दास नरूला जैसे अनेको ढोंगी व्यक्तियों को टी वी चेनल ही चमत्कारी बना रहे है . सुबह शाम हर चेनल पर ज्योतिषी लोगो का भविष्य बांच रहे है दर्शक इस कदर आदी हो गए है घर से निकलने से पहिले टीवी पर ज्योतिसियो की सलाह देखना नहीं भूलते . कहावत है की सौ बार किसी झूठ को बोला जाए तो सच ही जान पड़ता है ..और आज वैज्ञानिक युग में अंधविश्वास को बढावा देने वाले धर्म-ज्योतिष की दूकान चलाने का जिम्मा अब टीवी चेनलो ने उठा रखा है .
जबकि धर्म नितांत आंतरिक घटना है ,जड़-चेतन के संयोग से निर्मित समूची प्रकृति में ही परमात्मा का दर्शन है . सत ,चित आनंद , जिस चित्त में सत्य धारण है वही आनंद है .
आश्चर्य तब होता है की अनेको पाखंडियो को प्रतिष्ठित करने वाले इन टीवी चेनलो पर सरकार का कोई बस नहीं है –शायद धंधे का और पापी पेट का सवाल है . किन्तु यह सच है की ऐसे बाबा लोग देश में मानसिक विकृति फैला रहे है ,बीमारी बाँट रहे है जो एड्स से भी भयंकर है . भगवान् कृष्ण गीता में कर्मयोग सिद्धांत का दर्शन दे गए और ये बाबा भक्तो को कर्म से विमुख कर कोरा भाग्यवादी बनाकर सबसे बड़ा अधर्म कर रहे है . क़ानून में इसकी सजा का प्राविधान होना चाहिए .

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