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बेईमान मौसम और सरकार का भविष्य ?[व्यंग]

aaina
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पिछले कई दिन से मौसम विभाग की भविष्य वाणी अखबारों में छप रही है कि अगले २ दिन में बरसात होगी ..लेकिन प्रधानमंत्रीजी की महंगाई घटने की भविष्यवाणी की तरह मौसम की भविष्यवाणी भी फुस्स हो रही है . प्रधानमंत्रीजी हर तीन माह बाद देशवासियों को भरोसा दिला रहे है की अगले २ माह बाद कीमते नियंत्रण में आ जायेंगी , और घोषणा के २स्रे दिन ही वस्तुओं के दाम बड़ा दिए जाते है महंगाई डायन मौसम के भविष्य की तरह दगा दे रही है . जिस दिन अखबार में छपता है कि अगले दो दिन में गर्मी से राहत मिलेगी , उसके अगले दिन ही पारा १-२ डिग्री बड़ जाता है .
भले ही हम दनादन मिसाइल परिछन कर रहे है , विश्व के वैज्ञानिक ईश्वरीय तत्व , बोले तो “गोड पार्टिकल” की खोज का दावा कर रहे है और हमारे मौसम वैज्ञानिक अभी भी सड़क छाप तिलक-चन्दन लगाए ज्योतिषियों की तरह बारिश की झूठ -मूठ भविष्य वाणी कर रहे है , फिर प्रधानमंत्रीजी तो कोई वैज्ञानिक भी नहीं है कि महंगाई का सटीक भविष्य बांच सकें ..
यहाँ तक तो बात समझ में आती है लेकिन हमारे भारत महान में आजादी के ६५ वर्ष बाद भी नागरिकों की प्यास का इंतजाम नहीं कर सके है वो तो भला हो कोला-कोला कम्पनियों का कम से कम प्यास तो नहीं बुझाते, आस तो जगा ही रहे है …जब पानी नहीं मिल रहा है दिल्ली को तो देश का क्या हाल हो सकता है समझ में आना चाहिए ..बिजली के बारे में क्या कहे इस भीषण गर्मी में नागरिक बिलबिला रहे है ..और सरकार भविष्य वाणी कर रही है कि आगामी ५ वर्ष में बिजली की कोई कमी नहीं होगी . यह हाल तो तब है जब कम्पूटर से लेकर कल-कारखाने , खेत -खलिहान सब बिजली कि मेहर पर आश्रित है .नागरिक, व्यापारी,उद्योगपति ,किसान बिजली की घंटो कटोती से त्राहि -त्राहि कर रहे है .बिन बिजली सब सून सब और अँधेरा , भीषण गर्मी में पसीने से तरबतर नागरिक देश के अब तक हुए विकास को गालिया ही दे सकते है , दे रहे है
लीजिये फिर आज के अखबार में २ खबरे एक साथ प्रकाशित हुई है पहली -आगामी २ दिन में बारिश के आसार , दूसरी प्रधानमन्त्री जी ने कहा है अगले ३ महीने में अर्थ व्यवस्था में सुधार ….चलिए इन ख़बरों की ठंडक से ही काम चलाते है ..

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