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हमारी सरकार के सभी मंत्रियो को “टीवी” हो गयी है , टेलीविजन पर चेहरा चमकाने के लिए सदेव बेताब रहते है .जिस दिन उनका चेहरा टीवी पर चमकायमान न हो , तो उनके मंत्रिपद पर खतरा मंडराने लगता है , जैसे आज कुछ सरकारी कामकाज किया ही नहीं . नयी नयी जवानी आते ही युवक-युवतियां बार- बार आईने में अपना अक्स देखने में लगे रहते है , मांग बदल -बदल कर बाल संवारते है . इसी तरह हमारी सरकार टीवी चेनलों पर नए नए बयान देकर खींसे निपोरते नजर आ रही है . अब टीवी का रोग इतना क्रोनिक हो गया है की एक बार बयान देने के बाद फिर उसके खंडन के लिए बयान दे रहे है के मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया , हमने ऐसा तो नहीं कहा था .
महाराजा दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद और अब चिदम्बरम सरीखे खांटी मंत्रिगन अपने पूर्व में दिए बयानों से मुकर रहे है . जनता की समझ में नहीं आ रहा है की यह उल्टा -पुल्टा क्या चल रहा है ? मंत्रीजी का कौन सा बयान सही था . जो लोग खंडन वाला बयान टीवी पर नहीं देख पाते है ,उनके लिए पूर्व में दिया बयान अंतिम हो जाता है . कैफे हाउस और दारु बार में छिड़ी बहस में अपना राजनीतिक ज्ञान बघारते वक़्त ऐसे बहसी लोगो की बड़ी फजीहत हो रही है , क्योंकि बहस में खंडन वाले बयान देखने वाला तर्क-वितर्क में भारी पड़ता है और हंसी उड़ाते हुए कहता है की भाई “अपडेट” रहा करो -पता नहीं क्या अंट-शंट बक रहे हो .
१५-२० रुपये की बिसलरी पीने वाले नागरिक एक रुपया महंगाई बड़ने पर हंगामा करते है , वाला बयान देकर मंत्रीजी फंस गए . विपछि मंत्रीजी को राजनीति में दोड़ा लिए है की १० दिन मनरेगा में हजार रुपये कमाने वाले नागरिक की सोचिये मंत्रीजी,सबकी हैसियत मंत्रियो जैसी नहीं है जो बिसलरी के पानी से नहाए-धोएं तो भी उनकी सेहत पर क्या फर्क पड़ता है ..टूजी स्पेक्ट्रम है न !
अब मंत्रीजी ठीकरा पत्रकारों के सर फोड़ रहे है की उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया . दरअसल मंत्रियो का ठीकरा प्राय पत्रकारों के सर ही फूटता है . राजनीति के सलमान जी ने तो यहाँ तक कह दिया की मीडिया को अब कोई बयान नहीं देंगे ..मीना कुमारी की फिल्म की तरह बोल दिया -में चुप रहूंगी !
इन मंत्रियो को नेक सलाह है की पहले अपने दिन-प्रतिदिन टीवी वालो को देने वाले बयानों को हाई कमान से पारित कराये फिर टीवी के सामने होंठ हिलाते रहे और रिकोर्ड बयान ओन कर दे -सहूलियत रहेगी .बिना हाई कमान के अनुमोदन के जनता के सामने न तो सच बोले और ना ही झूठ . बेचारे सलमान भाई ने राहुल जी की राजनैतिक समझ पर क्या सवाल खड़े किये कि हाई कमान ने उनके कान उमेंठ दिए . अब कांग्रेस में बचे खुचे महाबली सलमान,चिदम्बरम और दिग्विजय जी को गांधी के तीन बंदरों वाली भूमिका में आ जाना चाहिए . हाई कमान कि मर्जी के बिना न बोलेंगे, न सुनेंगे और ना ही देखेंगे . .
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